श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
दुर्गा चालीसा, माँ दुर्गा की पूजा के दौरान गाई जाने वाली एक प्रमुख भक्ति गीता है। इसमें माँ दुर्गा की महिमा, शक्ति, और कृपा का गान किया जाता है।
यह चालीसा माँ दुर्गा के प्रति भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है और इसे रोज़ाना पढ़ने से व्यक्ति को शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
दुर्गा चालीसा के फायदे
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के कई फायदे होते हैं:
1. माँ दुर्गा की कृपा
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, और भक्त के जीवन में समस्याओं का समाधान होता है।
2. भयहारिणी माँ की रक्षा
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से माँ दुर्गा भयहारिणी के रूप में रक्षा करती है और आपको सुरक्षित रखती है।
3. आध्यात्मिक उन्नति
दुर्गा चालीसा का पाठ आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है और आपके मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
दुर्गा चालीसा का पाठ करने का तरीका
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
1. तैयारी
पाठ करने से पहले एक शुद्ध और शांत स्थान चुनें और माँ दुर्गा की पूजा के लिए समय निकालें।
2. पुनः सजीवन समर्पण
अपने मन, वचन, और क्रियाओं को माँ दुर्गा के सामने समर्पित करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
3. चालीसा का पाठ
अब दुर्गा चालीसा का पाठ करें, माँ दुर्गा के प्रति अपने भक्ति और श्रद्धा के साथ।
4. आरती और प्रसाद
पाठ के बाद, माँ दुर्गा की आरती करें और प्रसाद बांटें।
दुर्गा चालीसा का महत्व समझा रहा है
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से केवल भक्ति और आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है।
यह एक आध्यात्मिक अनुभव का हिस्सा होता है और व्यक्ति को अपने आप में शांति और सुख की अनुभूति कराता है।
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का मन प्रासंगिकता और उद्देश्य की ओर बढ़ता है। यह उनके जीवन को सफलता की ओर ले जाता है और उन्हें संकटों के साथ लड़ने की शक्ति देता है।श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
दुर्गा चालीसा के महत्वपूर्ण प्रसंग
दुर्गा चालीसा के अतिरिक्त, इसके कई महत्वपूर्ण प्रसंग हैं जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं:
1. नवरात्रि
नवरात्रि महोत्सव के दौरान दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। यह नौ दिनों के यात्रा के दौरान माँ दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और भक्त इसके माध्यम से माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
2. दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा के दौरान भी दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। यह पूजा माँ दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और भक्त इसे आनंद से मनाते हैं।
3. रोज़ाना की प्रथा
कुछ लोग दुर्गा चालीसा को रोज़ाना पढ़ते हैं, और इसे अपने दैनिक जीवन में एक अच्छे आदत के रूप में अपनाते हैं। इससे उनके जीवन में शांति और सुख बने रहते हैं।श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
निष्कर्षण
दुर्गा चालीसा माँ दुर्गा की पूजा और भक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके पाठ से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। यह एक अद्वितीय तरीका है जिससे माँ दुर्गा के प्रति भक्ति और विश्वास का प्रकट होता है, और व्यक्ति को उसके जीवन के लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलती है।श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
श्री दुर्गा चालीसा पाठ विधि- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर के साफ एवं शुद्ध वस्त्र धारण करें; माँ दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र को सामने रखें। रोली, कुंकुम, अक्षत, लाल पुष्प, धूप, दीप से पूजन करें तथा यथाशक्ति हलुआ, चना, दूध और मावे की मिठाई का भोग लगाएं। हाथ मे पुष्प लेकर यह श्लोक पढ़ें-श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
तत्पश्चात पुष्प अर्पण कर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। पाठ के अंत में ‘ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का तुलसी या सफ़ेद चन्दन की माला से 108 बार जाप करें ।
श्री दुर्गा चालीसा पाठ
॥ चौपाई॥
1.नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुख हरनी॥
2.निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
3.शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटी विकराला॥
4.रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
5.तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
6.अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
7.प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
8.शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
9.रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
10.धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
प्रकट हुई फाड़कर खम्बा॥
11.रक्षा करि प्रहलाद बचायो।
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो॥
12.लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
13.क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
14.हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
15.मातंगी धूमावति माता।
भुवनेश्वरि बगला सुखदाता॥
16.श्री भैरव तारा जग तारिणि।
छिन्न भाल भव दुख निवारिणि॥
17.केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
18.कर में खप्पर खड्ग विराजे।
जाको देख काल डर भाजे॥
19.सोहे अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
20.नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहूं लोक में डंका बाजत॥
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
21.शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
22.महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
23.रूप कराल कालिका धारा|
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
24.परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
25.अमरपुरी अरु बासव लोका।
तव महिमा सब रहें अशोका॥
26.ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी॥
27.प्रेम भक्ति से जो यश गावे।
दुख दारिद्र निकट नहिं आवे॥
28.ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताको छूटि जाई॥
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
29.जोगी सुर मुनि क़हत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
30.शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
31.निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
32.शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछतायो॥
33.शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
34.भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
35.मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुख मेरो।।
36.आशा तृष्णा निपट सतावें।
मोह मदादिक सब विनशावें॥
37.शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी।।
38.करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि सिद्धि दे करहु निहाला।।
39.जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ।।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
40.दुर्गा चालीसा जो नित गावै।
सब सुख भोग परम पद पावै॥
41.देविदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी।।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
||इति श्री दुर्गा चालीसा पाठ संपूर्ण||
॥ चौपाई॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुख हरनी॥
अर्थात – सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है। दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है।
निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
अर्थात – आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है, जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है।
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटी विकराला॥
अर्थात – आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है। नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
अर्थात – मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है। इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है।
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अर्थात – संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है। जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है।
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
अर्थात – अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं।
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
अर्थात – प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं। भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
अर्थात – शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं। ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
अर्थात – आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया।
धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
प्रकट हुई फाड़कर खम्बा॥
अर्थात – हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
रक्षा करि प्रहलाद बचायो।
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो॥
अर्थात – आपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करके हिरण्यकश्यप को स्वर्ग प्रदान किया, क्योकिं वह आपके हाथों मारा गया।
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
अर्थात – लक्ष्मीजी का रूप धारण कर आप ही क्षीरसागर में श्री नारायण के साथ शेषशय्या पर विराजमान हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
अर्थात – क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान हे दयासिन्धु देवी! आप मेरे मन की आशाओं को पूर्ण करें।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
अर्थात – हिंगलाज की देवी भवानी के रूप में आप ही प्रसिद्ध हैं। आपकी महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है।
मातंगी धूमावति माता।
भुवनेश्वरि बगला सुखदाता॥
अर्थात – मातंगी देवी और धूमावाती भी आप ही हैं भुवनेश्वरी और बगलामुखी देवी के रूप में भी सुख की दाता आप ही हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
श्री भैरव तारा जग तारिणि।
छिन्न भाल भव दुख निवारिणि॥
अर्थात – श्री भैरवी और तारादेवी के रूप में आप जगत उद्धारक हैं। छिन्नमस्ता के रूप में आप भवसागर के कष्ट दूर करती हैं।
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
अर्थात – वाहन के रूप में सिंह पर सवार हे भवानी! लांगुर (हनुमान जी) जैसे वीर आपकी अगवानी करते हैं।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
कर में खप्पर खड्ग विराजे।
जाको देख काल डर भाजे॥
अर्थात – आपके हाथों में जब कालरूपी खप्पर व खड्ग होता है तो उसे देखकर काल भी भयग्रस्त हो जाता है।
सोहे अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
अर्थात – हाथों में महाशक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र और त्रिशूल उठाए हुए आपके रूप को देख शत्रु के हृदय में शूल उठने लगते है।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहूं लोक में डंका बाजत॥
अर्थात – नगरकोट वाली देवी के रूप में आप ही विराजमान हैं। तीनों लोकों में आपके नाम का डंका बजता है।
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
अर्थात – हे मां! आपने शुम्भ और निशुम्भ जैसे राक्षसों का संहार किया व रक्तबीज (शुम्भ-निशुम्भ की सेना का एक राक्षस जिसे यह वरदान प्राप्त था की उसके रक्त की एक बूंद जमीन पर गिरने से सैंकड़ों राक्षस पैदा हो जाएंगे) तथा शंख राक्षस का भी वध किया।
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
अर्थात – अति अभिमानी दैत्यराज महिषासुर के पापों के भार से जब धरती व्याकुल हो उठी।
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
अर्थात – तब काली का विकराल रूप धारण कर आपने उस पापी का सेना सहित सर्वनाश कर दिया।
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अर्थात – हे माता! संतजनों पर जब-जब विपदाएं आईं तब-तब आपने अपने भक्तों की सहायता की है।
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तव महिमा सब रहें अशोका॥
अर्थात – हे माता! जब तक ये अमरपुरी और सब लोक विधमान हैं तब आपकी महिमा से सब शोकरहित रहेंगे।
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी॥
अर्थात – हे मां! श्री ज्वालाजी में भी आप ही की ज्योति जल रही है। नर-नारी सदा आपकी पुजा करते हैं।
प्रेम भक्ति से जो यश गावे।
दुख दारिद्र निकट नहिं आवे॥
अर्थात – प्रेम, श्रद्धा व भक्ति सेजों व्यक्ति आपका गुणगान करता है, दुख व दरिद्रता उसके नजदीक नहीं आते।
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताको छूटि जाई॥
अर्थात – जो प्राणी निष्ठापूर्वक आपका ध्यान करता है वह जन्म-मरण के बन्धन से निश्चित ही मुक्त हो जाता है।
जोगी सुर मुनि क़हत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
अर्थात – योगी, साधु, देवता और मुनिजन पुकार-पुकारकर कहते हैं की आपकी शक्ति के बिना योग भी संभव नहीं है।
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
अर्थात – शंकराचार्यजी ने आचारज नामक तप करके काम, क्रोध, मद, लोभ आदि सबको जीत लिया।
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
अर्थात – उन्होने नित्य ही शंकर भगवान का ध्यान किया, लेकिन आपका स्मरण कभी नहीं किया।
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछतायो॥
अर्थात – आपकी शक्ति का मर्म (भेद) वे नहीं जान पाए। जब उनकी शक्ति छिन गई, तब वे मन-ही-मन पछताने लगे।
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
अर्थात – आपकी शरण आकार उनहोंने आपकी कीर्ति का गुणगान करके जय जय जय जगदम्बा भवानी का उच्चारण किया।
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
अर्थात – हे आदि जगदम्बाजी! तब आपने प्रसन्न होकर उनकी शक्ति उन्हें लौटाने में विलम्ब नहीं किया।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुख मेरो॥
अर्थात – हे माता! मुझे चारों ओर से अनेक कष्टों ने घेर रखा है। आपके अतिरिक्त इन दुखों को कौन हर सकेगा?
आशा तृष्णा निपट सतावें।
मोह मदादिक सब विनशावें॥
अर्थात – हे माता! आशा और तृष्णा मुझे निरन्तर सताती रहती हैं। मोह, अहंकार, काम, क्रोध, ईर्ष्या भी दुखी करते हैं।
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
अर्थात – हे भवानी! मैं एकचित होकर आपका स्मरण करता हूँ। आप मेरे शत्रुओं का नाश कीजिए।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि सिद्धि दे करहु निहाला॥
अर्थात – हे दया बरसाने वाली अम्बे मां! मुझ पर कृपा दृष्टि कीजिए और ऋद्धि-सिद्धि आदि प्रदान कर मुझे निहाल कीजिए।
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ॥
अर्थात – हे माता! जब तक मैं जीवित रहूँ सदा आपकी दया दृष्टि बनी रहे और आपकी यशगाथा (महिमा वर्णन) मैं सबको सुनाता रहूँ।
श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi
दुर्गा चालीसा जो नित गावै।
सब सुख भोग परम पद पावै॥
अर्थात – जो भी भक्त प्रेम व श्रद्धा से दुर्गा चालीसा का पाठ करेगा, सब सुखों को भोगता हुआ परमपद को प्राप्त होगा।
देविदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
अर्थात – हे जगदमबा! हे भवानी! ‘देविदास’ को अपनी शरण में जानकर उस पर कृपा कीजिए।
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ अति फलदायी माना जाता है। विशेषकर नवरात्रि में दुर्गा चालीसा पाठ भक्तों को माँ जगदंबा के कृपा का पात्र बनाता है।
माँ दुर्गा अपने भक्तों का सदा कल्याण करती हैं, इसीलिए इन्हे जगतजननी माँ कल्याणी भी कहा जाता है। इस दुर्गा चालीसा का श्रद्धाभाव से निरंतर पाठ करने वाला भक्त समस्त बाधाओं से मुक्त होकर सुख-शांति प्राप्त करता है।
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श्री दुर्गा चालीसा अर्थ सहित-Sri Durga Chalisa Lyrics In Hindi