मांगलिक दोष: विवाह में देरी के कारण और उपाय
परिचय
मांगलिक दोष, जिसे ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा ज्योतिषीय दोष है जो किसी व्यक्ति के विवाह और जीवन में उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं का कारण बनता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यह दोष मंगल ग्रह की कुंडली में विशेष स्थिति के कारण उत्पन्न होता है।
मांगलिक दोष क्या है?
मांगलिक दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। इन भावों में मंगल की स्थिति व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकती है, विशेषकर विवाह से संबंधित।
मांगलिक दोष के लक्षण
- स्वास्थ्य समस्याएं: व्यक्ति को रक्त से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
- विवाद: संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
- मुकदमे: व्यक्ति किसी मुक़दमे में फंस सकता है।
- आत्मविश्वास की कमी: आत्मविश्वास और साहस का अत्यधिक कमजोर पड़ना।
- हिंसक स्वभाव: हिंसक स्वभाव व्यक्ति पर हावी हो सकता है।
- कर्जे: व्यक्ति को कर्जे की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
- वैवाहिक जीवन में समस्याएं: वैवाहिक जीवन में कड़वाहट और रिश्तों में दरार आ सकती है।
- परिवारिक विवाद: भाई से हमेशा विवाद होना।
कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह जब किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है, तब मांगलिक दोष का निर्माण होता है। इन भावों में मंगल की स्थिति दांपत्य जीवन के लिए अशुभ मानी जाती है। हालांकि, यदि मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ती है, तो इसका प्रभाव कुछ हद तक कम हो सकता है।
मांगलिक दोष के प्रभाव
मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- विवाह में देरी: विवाह में अनेक रुकावटें आना।
- विवाह में समस्याएं: जीवनसाथी से सामंजस्य नहीं बैठ पाना।
- आर्थिक समस्याएं: आर्थिक स्थिति में गिरावट और कर्जे की स्थिति उत्पन्न होना।
- स्वास्थ्य समस्याएं: शारीरिक क्षमताओं में कमी और विभिन्न रोगों का सामना करना।
मांगलिक दोष के उपाय
मांगलिक दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- मंगल ग्रह की शांति पूजा: मंगल ग्रह की शांति के लिए विशेष पूजा करें।
- दान: लाल मिर्च, गुड़, लाल रंग के कपड़े, शहद, लाल रंग की मिठाई, मसूर की दाल आदि चीजों का दान करें।
- हनुमान जी की पूजा: मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद लाल वस्त्र धारण कर हनुमान जी की पूजा करें।
- व्रत: मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बांटे।
- हनुमान चालीसा का पाठ: मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- लाल रंग के वस्त्र: मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
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निष्कर्ष
मांगलिक दोष एक ऐसा ज्योतिषीय दोष है जो व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनता है, विशेषकर विवाह से संबंधित। हालांकि, इसके प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपाय और पूजा विधियाँ उपलब्ध हैं। ज्योतिषाचार्य की सलाह के अनुसार, इन उपायों को अपनाकर मांगलिक दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
FAQs
- मांगलिक दोष क्या है? मांगलिक दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है।
- मांगलिक दोष के लक्षण क्या हैं? मांगलिक दोष के लक्षणों में स्वास्थ्य समस्याएं, संपत्ति विवाद, मुकदमे, आत्मविश्वास की कमी, हिंसक स्वभाव, कर्जे की स्थिति और वैवाहिक जीवन में समस्याएं शामिल हैं।
- मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी क्यों होती है? मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी और रुकावटें आती हैं क्योंकि कुंडली के सातवें भाव में मंगल की स्थिति अशुभ मानी जाती है।
- मांगलिक दोष के उपाय क्या हैं? मांगलिक दोष के उपायों में मंगल ग्रह की शांति पूजा, विभिन्न प्रकार के दान, हनुमान जी की पूजा, व्रत और हनुमान चालीसा का पाठ शामिल हैं।
- क्या मांगलिक दोष का प्रभाव पूरे जीवन रहता है? ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मांगलिक दोष का प्रभाव 28 वर्ष की आयु तक बहुत ज्यादा होता है और कई लोगों के लिए यह समाप्त हो जाता है, जबकि कुछ लोगों के लिए इसका असर पूरे जीवन रहता है।