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सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

 

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सूर्य ग्रह शांति पूजा के माध्यम से सूर्य देव के अशुभ प्रभाव को दूर कर उन्हें अपनी जन्म कुंडली में बनाएं बलवान।

सूर्य शांति पूजा के लाभ
सूर्य शांति पूजा करने से होगी सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति।

सबसे सटीक उपाय
सूर्य के प्रकोप से बचने के लिए सूर्य ग्रह शांति पूजा है सबसे सटीक उपाय।

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सूर्य ग्रह शांति पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य बली हो तो, जातक अपने जीवन में सभी लक्ष्यों की प्राप्ति करता है। जातक के अंदर गजब का साहस देखने को मिलता है।

इसके साथ ही वे प्रतिभाशाली व गजब की नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होता है।

उसे अपने जीवन में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं होती। ऐसा व्यक्ति हमेशा दयालु, ऊर्जावान, आत्मविश्वासी व आशावादी होता है। सूर्य का शुभ प्रभाव जातक को पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि भी देता है। वो सूर्य देवा का प्रभाव ही होता है जो जातक को शाली रहन-सहन व सुख-सुविधाओं से निपूर्ण करता है।

ऐसे जातक अपने कार्य व संबंधों के प्रति काफी वफादार होते हैं। साथ ही कुंडली में सूर्य का उच्च व प्रभावी होना, सरकारी नौकरी की ओर इशारा करता है, जिससे जातक जीवन में उच्च पद प्राप्त करने में सफल रहता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह की पौराणिक मान्यता
वैदिक शास्त्रों में सूर्य ग्रह को सौरमंडल का राजा माना गया है। इसके साथ ही सूर्य (sun) को ऐसे देवता बताया गया है, जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव महर्षि कश्यप के पुत्र हैं और उनकी माता अदिति हैं। जिसके कारण सूर्य का एक नाम “आदित्य” भी है।

ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक भी माना जाता है। इसलिए ही लोग सूर्य ग्रह से चिकित्सीय और आध्यात्मिक लाभ को पाने के लिए, नियमित रूप से प्रातःकाल उठकर सूर्य नमस्कार करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार भी, रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित होता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह की पूजा में सर्वोपरि है वैदिक मंत्र
सूर्य ग्रह की पूजा वैदिक मंत्रों, पारंपरिक सात हज़ार मंत्र संख्याओं और षोडशोपचार चरणों के साथ की जाती है।

पूजा में “होमा” (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान सूर्य से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री व सूर्यादि संख्याओं के मंत्र का पाठ करते हुए, उसे अग्नि को अर्पित किया जाता है।

जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है।

ऐसे में सूर्य ग्रह शांति पूजा से अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र, वार और तिथि के अनुसार ही करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को कराने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त कर, पूजा को 5 या 6 घंटों में संपन्न किया जाता है।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह शांति पूजा के लाभ
सूर्य दोष निवारण पूजा से कुंडली में मौजूद सूर्य के सभी नकारात्मक प्रभाव दूर होते है।

सूर्य शांति पूजन से जातक को समाज एवं नौकरी में उच्च पद, सरकारी नौकरी व बेरोजगारी, जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।
इस पूजा से जातक के आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति, तार्किक क्षमता और प्रसिद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।

यदि आपके पिता को कुछ समस्या आ रही हैं तो भी, सूर्य ग्रह शांति पूजा से उन्हें हर समस्या से निजात मिलती है।
सूर्य ग्रह शांति पूजा करने से जातक को अपने सभी गंभीर रोग आदि से मुक्ति मिलती है, जिससे वो बेहतर और स्वस्थ जीवन का आनंद ले पाता है।

सूर्य ग्रह का महत्व

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जिस जातक की कुंडली में सूर्य पीड़ित हो या प्रभावी न हो तो, उन जातकों को जीवनभर बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कुंडली में सूर्य की अशुभता जातक को अहंकारी, उदास, विश्वास हीन, ईर्ष्यालु, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित, क्रोधी बनाती है। इनके नकारात्मक प्रभाव से सभी कार्य बिगड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे व्यक्ति अपना आत्मविश्वास खोने लगता है।

सूर्य दोष जातकों के अंदर ईर्ष्या भी उत्पन्न करता है, साथ ही जातक को सामाजिक मान-सम्मान में हानि से भी दो-चार होना पड़ता है। इसके अलावा सूर्य ग्रह जातक की जन्म कुंडली में, पिता का प्रतिनिधित्व करता है।

जबकि यह मनुष्य की प्रसिद्धि, ख्याति, सफलता, सामाजिक स्थिति, सरकारी नौकरी आदि को दर्शाता है। सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामी माना गया है और मेष राशि इनकी उच्च राशि होती है, तो वहीं तुला इसकी नीच राशि मानी गई है। ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. सूर्य ग्रह शांति पूजा से क्या लाभ मिलता है?
इस पूजा को करने से जन्म कुंडली में मौजूद सूर्य दोष का अंत होता है। साथ ही जातक को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सूर्य शांति पूजन से व्यक्ति को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और जातक स्वयं के अच्छे कार्यों से प्रेरित होता है।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q2. सूर्य ग्रह शांति पूजा से क्या लाभ मिलता है?
इस पूजा को करने से जन्म कुंडली में मौजूद सूर्य दोष का अंत होता है। साथ ही जातक को सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सूर्य शांति पूजन से व्यक्ति को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और जातक स्वयं के अच्छे कार्यों से प्रेरित होता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q3. क्या सूर्य ग्रह शांति पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?
नहीं, इस पूजा अनुष्ठान की यह सबसे अनोखी सुंदरता यह है कि इसके अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अन उपस्थित होते हुए भी,

इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q4. क्या सूर्य ग्रह शांति पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?
नहीं, इस पूजा अनुष्ठान की यह सबसे अनोखी सुंदरता यह है कि इसके अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अन उपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q5. सूर्य ग्रह शांति पूजन का कुल समय कितना होता है ?
आमतौर पर, इस पूजा को करने में एक दिन में लगभग 5 से 6 घण्टे का समय लगता है।

Q6. सूर्य ग्रह शांति पूजन का कुल समय कितना होता है ?
आमतौर पर, इस पूजा को करने में एक दिन में लगभग 5 से 6 घण्टे का समय लगता है।

Q7. सूर्य ग्रह शांति पूजन का समय कैसे निर्धारित किया जाता है ?
सूर्य शांति पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q8. सूर्य ग्रह शांति पूजन का समय कैसे निर्धारित किया जाता है ?
सूर्य शांति पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q9. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?
इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-

पूरा नाम
गोत्र
वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं

Q10. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?
इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-

पूरा नाम
गोत्र
वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं

Q11. ऑनलाइन सूर्य ग्रह शांति पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आपको “ॐ हृां हृीं हृौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए।

Q12. ऑनलाइन सूर्य ग्रह शांति पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आपको “ॐ हृां हृीं हृौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q13. सूर्य ग्रह शांति पूजा कैसे होगी?
सूर्य ग्रह शांति पूजा हेतु, किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सहायता लेते हुए online पूजा का विवरण पूजा कराने वाले यजमान (जातक) को दिया जाएगा और आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा और उसका शुभ निर्धारित समय जातक को दिया जाएगा।नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे।

पूजा से पहले पंडित जी या आचार्य जी आपके व आपके परिवार का विवरण प्राप्त करेंगे और उसके बाद ही संकल्प या पूजा के लिए उद्देश्य के साथ पूजा की शुरुआत करेंगे।पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा ताकि पंडित जी आपको अपने साथ संकल्प पाठ में शामिल कर सकें।

यह पूजा की शुरुआत का प्रतीक है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q14. सूर्य ग्रह शांति पूजा कैसे होगी?
सूर्य ग्रह शांति पूजा हेतु, किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सहायता लेते हुए online पूजा का विवरण पूजा कराने वाले यजमान (जातक) को दिया जाएगा और आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा और उसका शुभ निर्धारित समय जातक को दिया जाएगा।नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे।

पूजा से पहले पंडित जी या आचार्य जी आपके व आपके परिवार का विवरण प्राप्त करेंगे और उसके बाद ही संकल्प या पूजा के लिए उद्देश्य के साथ पूजा की शुरुआत करेंगे।पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा ताकि पंडित जी आपको अपने साथ संकल्प पाठ में शामिल कर सकें।

यह पूजा की शुरुआत का प्रतीक है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q15. सूर्य ग्रह शांति पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?
पूजा के अंत में, पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए पुनः फ़ोन के जरिए शामिल करेंगे। इस प्रक्रिया को “श्रेया दाना” या “संकल्प पूर्ति” के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q16. सूर्य ग्रह शांति पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?
पूजा के अंत में, पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए पुनः फ़ोन के जरिए शामिल करेंगे। इस प्रक्रिया को “श्रेया दाना” या “संकल्प पूर्ति” के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

Q17. सूर्य शांति पूजन के दिन ध्यान देने योग्य बातें क्या हैं?
पूजा के दौरान या पूजा के दिन, आपको केवल सात्विक भोजन ही करना होगा।
पूजन वाले दिन विशेष रूप से तामसिक खान-पान से दूरी बनाकर रखें।

इस दिन जातक को संभोग, इत्यादि क्रियाओं से भी दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।
इस दिन अपने घर के मंदिर में, घी का दीपक अवश्य जलाकर रखें।

Q18. सूर्य शांति पूजन के दिन ध्यान देने योग्य बातें क्या हैं?
पूजा के दौरान या पूजा के दिन, आपको केवल सात्विक भोजन ही करना होगा।
पूजन वाले दिन विशेष रूप से तामसिक खान-पान से दूरी बनाकर रखें।

इस दिन जातक को संभोग, इत्यादि क्रियाओं से भी दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।
इस दिन अपने घर के मंदिर में, घी का दीपक अवश्य जलाकर रखें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह शांति के उपाय: आदित्य की कृपा पाने के टिप्स
परिचय
सूर्य ग्रह को वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है और इसका असर हमारे जीवन पर गहरा पड़ता है। यदि सूर्य ग्रह की स्थिति और दशा अनुकूल नहीं है, तो यह विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकता है। सूर्य ग्रह की शांति के उपायों से हम इसके द्रिष्टिगत प्रभाव को कम कर सकते हैं और जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह के द्रिष्टिगत समस्याएं
सूर्य ग्रह के अनुकूल द्रिष्टिगत प्रभाव से व्यक्ति को उच्च पदों पर सफलता मिल सकती है, वहीं उसके अशुभ द्रिष्टिगत प्रभाव से निम्न स्वास्थ्य, स्वार्थीता, और आत्मविश्वास में कमी हो सकती है। अगर सूर्य ग्रह कुंडली में अशुभ स्थित है या उसकी दशा चल रही है, तो निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

निराशा और आत्मविश्वास की कमी: सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है और वह निराश हो सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएं: अशुभ सूर्य ग्रह व्यक्ति को शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के लिए कर सकता है।
आर्थिक संकट: यदि सूर्य की स्थिति अनुकूल नहीं है, तो व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ: आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
रत्न धारण करना: माणिक्य और सूर्यमुखी रत्न को धारण करने से सूर्य ग्रह के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
यज्ञ और हवन करना: सूर्य ग्रह की शांति के लिए विशेष यज्ञ और हवन करने से उपाय किया जा सकता है।

पूर्वाह्न काल में आराधना: सूर्योदय के समय सूर्य की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है।
निष्कर्षण
सूर्य ग्रह की शांति के उपायों से हम उसके अशुभ प्रभाव को कम कर सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं। यह उपाय विविध आयामों में हमारे जीवन को संवरने में मदद कर सकते हैं और हमें एक बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक हो सकते हैं|

सूर्य गृह कुंडली में कब आती है

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सूर्य, हमारे सौरमंडल का मुख्य तारा है और वह ग्रह है जिसकी चमक और ऊर्जा हमारे पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को संभावित करती है।

हमारी गृह कुंडली में सूर्य की स्थिति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि सूर्य गृह कुंडली में कब आता है और इसके प्रभाव को कैसे समझा जा सकता है।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य की ग्रह कुंडली में स्थिति

सूर्य ग्रह कुंडली में आपके जन्म के समय की स्थिति पर आधारित होता है। जब आप जन्मतिथि, जन्मस्थान और जन्मसमय के साथ एक ग्रह कुंडली बनवाते हैं, तो सूर्य की स्थिति भी निर्धारित की जाती है। सूर्य एक व्यक्ति की आत्मा, उत्कृष्टता, और स्वभाव को प्रकट करता है, और उनके जीवन पथ पर प्रकाश डालता है।

सूर्य के प्रभाव
सूर्य ग्रह कुंडली में जिस भाव में स्थित होता है, वह भाव आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करता है। यहाँ हम कुछ महत्वपूर्ण भावों के साथ सूर्य की स्थिति के प्रभाव को देखते हैं:सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

1. प्रथम भाव (लग्न भाव)
सूर्य प्रथम भाव में स्थित होने पर व्यक्ति का व्यक्तिगतिकरण और आत्मसमर्पण मजबूत होता है। वे नेतृत्व की भूमिका अदा करते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

2. पंचम भाव
सूर्य पंचम भाव में आपकी शिक्षा, बच्चों के साथ संबंध, और आपकी रोमांटिक प्रावधानिकता पर प्रभाव डालता है। यहाँ पर सूर्य की स्थिति स्वाभाविक रूप से शिक्षा में रुचि और कला में प्रवृत्ति को दर्शा सकती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

3. आठवीं भाव
सूर्य आठवीं भाव में आते हुए प्रावधानिक योग्यताओं और करियर में सफलता को प्रोत्साहित करता है। यहाँ पर सूर्य की स्थिति करियर में ऊर्जा, प्रेरणा, और नेतृत्व की भावना को दर्शा सकती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

संक्षिप्त में कहें तो
सूर्य ग्रह कुंडली में आने पर आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी स्थिति आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के पहलुओं को प्रकट करती है और आपको अपने कार्यों में सफलता पाने के लिए प्रेरित करती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह अनुष्ठान: उपाय और मार्गदर्शन
परिचय
सूर्य, हमारे सौरमंडल का मुख्य तारा, ग्रहों का राजा है और उसका महत्व ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक है। सूर्य का अनुष्ठान करने से व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि, सुख, और सफलता प्राप्त कर सकता है। इस लेख में, हम सूर्य गृह के अनुष्ठान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण उपायों और मार्गदर्शन के बारे में चर्चा करेंगे।

सूर्य ग्रह का महत्व
सूर्य ग्रह को ज्योतिष में आत्मा का प्रतीक माना जाता है और इसका गहरा प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर पड़ता है। सूर्य अनुष्ठान से व्यक्ति के आत्मविश्वास, उत्कृष्टता, और सामर्थ्य में वृद्धि हो सकती है।

सूर्य ग्रह के उपाय
यहाँ कुछ सूर्य गृह के उपाय दिए गए हैं जिनका अनुष्ठान करके व्यक्ति सूर्य के शुभ प्रभावों को प्राप्त कर सकता है:सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

1. रोज़ाना सूर्य पूजा और आराधना

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प्रात:काल में सूर्य की पूजा और आराधना करने से उसके शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है। सूर्य को जल अर्पित करते समय “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

2. धात्री मंत्र का जाप
“ॐ धात्रीय नमः” यह मंत्र सूर्य के दोषों को दूर करने में मदद कर सकता है। इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से सूर्य के प्रभाव में सुधार हो सकता है।

3. पुखराज रत्न धारण
सूर्य के दोषों को कम करने के लिए पुखराज रत्न को धारण किया जा सकता है। पुखराज सूर्य का प्रतीक होता है और इसके धारण से सूर्य के शुभ प्रभाव को बढ़ावा मिल सकता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

संक्षिप्त में कहें तो
सूर्य गृह के अनुष्ठान से व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकता है। उपरोक्त उपायों का अनुसरण करके सूर्य के शुभ प्रभावों को बढ़ावा दिया जा सकता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह: हनी और लाभ
परिचय
सूर्य, हमारे सौरमंडल का मुख्य तारा, ग्रहों का राजा है और इसका महत्व ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक है। सूर्य ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं और दोषों के कारण होने वाली हानियों को कम किया जा सकता है। इस लेख में, हम सूर्य ग्रह के हनि और लाभ के बारे में चर्चा करेंगे।

सूर्य ग्रह की हानिया

1.स्वास्थ्य में समस्याएँ
अगर सूर्य ग्रह दोषग्रस्त हो तो व्यक्ति को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं। मानसिक तनाव, रक्तचाप की समस्या, आंखों की समस्याएँ आदि हो सकती हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

2.पेशेवर समस्याएँ
सूर्य के दोषों से व्यक्ति की पेशेवर उत्तराधिकारी क्षेत्र में समस्याएँ हो सकती हैं। कार्य में असफलता, आधारित जीवन में बाधाएँ आदि हो सकती हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रह के लाभ
1.स्वास्थ्य में सुधार
सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। मानसिक शांति, ऊर्जा और प्राणिकता में वृद्धि हो सकती है।

2.पेशेवर सफलता
सूर्य ग्रह के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है। उच्च पद, प्रतिष्ठा, और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि हो सकती है।

सूर्य ग्रह के उपाय
सूर्य ग्रह के दोषों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

1.सूर्य पूजा और आराधना
प्रातःकाल में सूर्य की पूजा और आराधना करने से उसके शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है। “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है।

2.पुखराज रत्न धारण
पुखराज रत्न सूर्य का प्रतीक होता है और इसके धारण से सूर्य के शुभ प्रभाव को बढ़ावा मिल सकता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

3.धात्री मंत्र का जाप
“ॐ धात्रीय नमः” यह मंत्र सूर्य के दोषों को कम करने में मदद कर सकता है। इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से सूर्य के प्रभाव में सुधार हो सकता है।

संक्षिप्त में कहें तो
सूर्य ग्रह के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को स्वास्थ्य में सुधार और पेशेवर सफलता की प्राप्ति हो सकती है। उपरोक्त हनि और लाभों के साथ सूर्य के दोषों को कम करने के उपायों का अनुसरण करके व्यक्ति अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकता है।

सूर्य उपासना: विधि और मार्गदर्शन

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?
सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य, हमारे सौरमंडल का मुख्य तारा, ग्रहों का राजा है और उसकी उपासना से व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि, सुख, और सफलता प्राप्त कर सकता है। सूर्य की उपासना करने से आत्मा को ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास मजबूत होता है। इस लेख में, हम सूर्य की उपासना करने के विधियों और मार्गदर्शन के बारे में चर्चा करेंगे।

सूर्य की उपासना का महत्व
सूर्य की उपासना व्यक्ति के आत्मविकास और सफलता के मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह उपासना व्यक्ति को आत्मा के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करती है और उसके जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ती है।

सूर्य की उपासना कैसे करें

1.प्रातःकाल की ध्यान में सूर्य उपासना
प्रात:काल में सूर्य की उपासना करने से आत्मा को ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होती है। सूर्योदय के समय सूर्य की ओर दृष्टि करते हुए “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

2.सूर्य आरती का पाठ
रोज़ाना सूर्य आरती का पाठ करने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। सूर्य आरती के पाठ के बाद उसकी मूर्ति की पूजा करें और धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।

3.सूर्य गायत्री मंत्र का जाप

“ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्” यह सूर्य गायत्री मंत्र सूर्य की उपासना का एक महत्वपूर्ण प्रमुख अंग है। इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से सूर्य के सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

संक्षिप्त में कहें तो
सूर्य की उपासना से व्यक्ति अपने आत्मविकास और सफलता के मार्ग में आगे बढ़ सकता है। सूर्य की उपासना कैसे करें, उसकी विधि और मार्गदर्शन के साथ व्यक्ति सकारात्मकता और ऊर्जा की प्राप्ति कर सकता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सम्बंधित व्रत उपवास: सूर्य उपासना से जुड़े पारंपरिक व्रत

व्रत और उपवास, हमारे संस्कृति में आदिकाल से ही महत्वपूर्ण धार्मिक अभ्यास हैं। ये धार्मिक प्रथाएँ हमें आध्यात्मिकता, सदगुणों की प्राप्ति, और आत्म-नियंत्रण की शिक्षा प्रदान करती हैं। सूर्य की उपासना से जुड़े सम्बंधित व्रत और उपवास भी अपने महत्वपूर्ण स्थान पर हैं। इस लेख में, हम सूर्य की उपासना से जुड़े कुछ प्रमुख पारंपरिक व्रत और उपवास के बारे में चर्चा करेंगे।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

छठ पूजा
छठ पूजा एक प्रसिद्ध पारंपरिक व्रत है जो प्रमुख रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से सूर्य देवता की उपासना के लिए की जाती है। छठ पूजा में व्रत करने वाले व्यक्ति चार दिनों तक व्रत रखते हैं और समुद्र तट पर जाकर सूर्योदय का दर्शन करते हैं।

सूर्य षष्ठी व्रत
सूर्य षष्ठी व्रत को छठी, सूर्य षष्ठी, या सूरज षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। इस दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें सूर्य की पत्नी माना जाता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

पोंगल
पोंगल दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हार्वेस्ट फेस्टिवल है, जिसमें खेती की अच्छी बुआई और मौसम की शुभकामनाओं का संकेत दिया जाता है। यह फेस्टिवल भगवान सूर्य की पूजा के साथ मनाया जाता है और इसमें भोजन की खास तैयारियाँ शामिल होती हैं।

सूर्य उपासना के उपयोगी उपाय

सूर्य की पूजा के दौरान “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
सूर्योदय के समय सूर्य की ओर दृष्टि करके ध्यान करें और उपासना करें।
सूर्य की आरती और भजनों का पाठ करें, जिनमें सूर्य देवता की महिमा गाई जाती है।
संक्षिप्त में कहें तो

सूर्य की उपासना से जुड़े सम्बंधित व्रत और उपवास हमें धार्मिकता, आध्यात्मिकता, और सौरमंडलिक ग्रहों के प्रति समर्पण की भावना को स्थापित करते हैं। इन व्रतों और उपवास का पालन करके हम अपने जीवन को सकारात्मकता और आत्म-नियंत्रण की दिशा में मोड़ सकते हैं।

भगवान सूर्य को प्रसन्न कैसे करें: उपाय और विधियाँ

हिन्दू धर्म में भगवान सूर्य देवता को जीवन का प्रमुख स्रोत माना जाता है। उनकी कृपा से जीवन को ऊर्जा, स्वास्थ्य, और सफलता मिलती है।

भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय और विधियाँ हैं जिनका पालन करके व्यक्ति उनकी कृपा प्राप्त कर सकता है। इस लेख में, हम भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के उपाय और विधियों के बारे में चर्चा करेंगे।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य उपासना
सूर्य की उपासना करने से भगवान सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। सूर्य की पूजा के लिए आप रोज़ाना सूर्योदय के समय उनकी दिशा में दृष्टि कर सकते हैं और “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं। इसके अलावा, सूर्य आरती और भजनों का पाठ करके उनकी महिमा का गान करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण के समय भगवान सूर्य को प्रसन्न करने का विशेष मौका होता है। ग्रहण के समय सूर्य की पूजा करें और उनके नाम का जाप करें। इसके अलावा, दान और चारित्रिक क्रियाएँ करके भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

प्राणायाम और ध्यान
सूर्य की उपासना के लिए प्राणायाम और ध्यान भी महत्वपूर्ण हैं। सूर्य की दिशा में प्राणायाम करें और उनकी ऊर्जा को अपने शरीर में समर्पित करें। इसके बाद ध्यान करके सूर्य देवता के चित्र को मन में धारण करें और उनकी आराधना करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

दान और सेवा
भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए दान और सेवा भी महत्वपूर्ण हैं। आवश्यकता में आने पर गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें। सूर्य के मंदिरों में सेवा करें और उनके प्रति भक्ति और समर्पण दिखाएं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

संक्षिप्त में कहें तो
भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के उपायों और विधियों से हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सफलता और सुख से भर सकते हैं। उपरोक्त उपायों का पालन करके व्यक्ति अपने आत्मा को ऊर्जा से पूरी करके आगे बढ़ सकता है।

भगवान सूर्य नाराज होते हैं कब: कारण और उपाय
परिचय
हिन्दू धर्म में भगवान सूर्य को सूर्य देवता के रूप में पूजा जाता है और उन्हें जीवन के मुख्य स्रोत के रूप में माना गया है। हमें यह जानने की चाह होती है कि भगवान सूर्य नाराज कब होते हैं और उनकी कृपा कैसे प्राप्त की जा सकती है।

इस लेख में, हम भगवान सूर्य के नाराज होने के कारण और उनकी कृपा प्राप्त करने के उपायों के बारे में चर्चा करेंगे।

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भगवान सूर्य के नाराज होने के कारण
अनयायपूर्ण कार्यों का पालन: भगवान सूर्य न्याय और धर्म के पालन को महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्हें अनयायपूर्ण कार्यों का पालन करने वाले व्यक्तियों से नाराजगी होती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

अशुभ गतिविधियाँ: अशुभ गतिविधियों जैसे कि अशुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों से भगवान सूर्य को नाराजगी हो सकती है।

दुराचार और अहिंसा के खिलाफ: भगवान सूर्य धर्मिकता, सच्चाई, और अहिंसा के पालन को प्रमुख मानते हैं। किसी भी प्रकार के दुराचार और अहिंसा के खिलाफी कार्यों से उन्हें नाराजगी होती है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के उपाय
सूर्य उपासना: सूर्य उपासना करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। सूर्योदय के समय सूर्य की दिशा में दृष्टि करके “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

ध्यान और प्राणायाम: सूर्य की उपासना के लिए ध्यान और प्राणायाम करना भी महत्वपूर्ण है। सूर्य की दिशा में प्राणायाम करें और उनकी ऊर्जा को अपने शरीर में समर्पित करें।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

भगवान सूर्य के मंदिरों में सेवा:सूर्य के मंदिरों में सेवा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। मंदिर में दीप जलाना, पूजा करना, और उनकी महिमा गान करना उन्हें प्रसन्न कर सकता है।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

संक्षिप्त में कहें तो
भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के उपायों और कारणों का ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपरोक्त उपायों का पालन करके हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

भगवान की कृपा कैसे प्राप्त हो: उपाय और विधियाँ

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?
सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

भगवान की कृपा प्राप्त करना हमारे जीवन में आनंद, शांति, और सफलता का स्रोत होता है। यह आत्मा के उत्कृष्ट विकास और आध्यात्मिकता की प्राप्ति में भी मदद करता है।

भगवान की कृपा प्राप्त करने के उपाय और विधियाँ हैं जिनका पालन करके हम उनकी आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में, हम भगवान की कृपा प्राप्त करने के उपाय और विधियों के बारे में चर्चा करेंगे।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

श्रद्धा और विश्वास
भगवान की कृपा प्राप्त करने का पहला कदम श्रद्धा और विश्वास में है। हमें उनके असीम शक्तिशाली और अनन्त दया पर विश्वास रखना चाहिए। श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान की आराधना करने से हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

प्रार्थना और मनन
भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना और मनन भी महत्वपूर्ण हैं। हमें नियमित रूप से प्रार्थना करते रहना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं को उनके सामने रखना चाहिए। मनन के द्वारा हम अपने मन को शुद्ध करके भगवान की ध्यान में लगा सकते हैं और उनकी कृपा को आकर्षित कर सकते हैं।

सेवा और दान
भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए सेवा और दान भी महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने सामाजिक और आध्यात्मिक दायित्वों का पालन करना चाहिए और अन्यों की मदद करने में सक्षम होना चाहिए। भगवान के भक्तों की सेवा करने से हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

आइये जानते हैं सूर्य ग्रह से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण बाते ज्योतिष के हिसाब से :
सूर्य का रत्न रत्न माणिक्य है।
सूर्य की दिशा पूर्व है।

सूर्य का दिन रविवार है।
अंक विद्या के हिसाब से सूर्य का सम्बन्ध 1 से है |

सूर्य सिंह राशी का स्वामी है वैदिक ज्योतिष के हिसाब से ।
कुंडली में मेष राशि के साथ बैठे हुआ सूर्य उच्च का होता है और सूर्य तुला राशि के साथ बैठा हो तो नीच का होता है।

कुंडली के किसी भी घर में राहु के साथ बैठने पर सूर्य ग्रहण योग बनता है।
सूर्य यदि कुंडली में नकारात्मक हो तो यह कई प्रकार की समस्याएं देता है और फिर सूर्य शांति पूजा व्यक्ति की मदद करती है।

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आइए अब जानते हैं की कुंडली में अगर सूर्य अशुभ हो तो कैसे जीवन को प्रभावित करेगा :
नकारात्मक सूर्य अहंकार देता है।
अशुभ सूर्य से मानहानि के योग बनते हैं।

यह ईर्ष्या की भावना के लिए भी जिम्मेदार है।
उच्च अधिकारियों के साथ संबंध ख़राब करता है ।

कमजोर सूर्य के कारण आंखों की समस्या, सिरदर्द आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
नौकरी में भी जातक को बहुत परेशानी होती है ।

जिनके कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो उनके अन्दर इच्छाशक्ति की कमी भी देखि जाती है ।
सरकारी नौकरी प्राप्त करने में परेशानी आती है |

जानिए सूर्य मन्त्र जप के फायदे

आइये अब जानते हैं की सूर्य शांति पूजा कब करवानी चाहिए वैदिक ज्योतिष के हिसाब से :
यदि आप सूर्य के कारण किसी कामकाजी या व्यक्तिगत समस्या का सामना कर रहे हैं तो सूर्य शांति पूजा बहुत मददगार है।

यदि महादशा या अंतर्दशा में सूर्य चल रहा हो और कुंडली में सूर्य अशुभ हो तो ऐसे में सूर्य शांति पूजा आवश्यक है।

क्योंकि इस समय व्यक्ति को सूर्य के सबसे खतरनाक प्रभावों का सामना करना पड़ता है ।सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

सूर्य पूजा 2 अलग-अलग उद्देश्यों के लिए की जाती है-
कुंडली में अशुभ सूर्य के प्रभाव को दूर करने के लिए |

जन्म कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूत करने के लिए ।
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आइये अब जानते हैं सूर्य पूजा से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण बाते :
सूर्य पूजा कई तरह से की जा सकती है जैसे-

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी सूर्य की पूजा करने का एक अच्छा तरीका है।
सूर्योदय के समय सूर्य को लाल फूलों से जल अर्पित करना भी एक अच्छा तरीका है।

रविवार का व्रत भी जीवन से सूर्य के बुरे प्रभावों को कम करने का एक तरीका है।

रविवार के दिन सूर्य की वस्तुओं का दान करना भी सूर्य के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने का एक उपाय है।
किसी जानकार से सूर्य शांति पूजा करवाया जा सकता है ।

सिद्ध सूर्य यंत्र को स्थापित करना और उसकी पूजा करना भी सूर्य देव की कृपा पाने का एक अच्छा तरीका है।
सूर्य कवच और सूर्य साधना भी व्यक्ति को बुरे सूर्य के दुष्प्रभाव से बचाती है।

पढ़िए कुंडली के द्वादश भावों में सूर्य का फल
सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?
सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

यदि सूर्य पूजा सही तरीके से की जाए तो इससे जातक को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
यह बदनामी की संभावना को कम करता है ।

सूर्य शांति पूजा स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगी।
सूर्य पूजा जीवन में स्थितियों को सकारात्मक बनाएगी।

यह उच्च अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध बनाने में मदद करेगा।
पैतृक संपत्ति प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं को दूर करता है |

सूर्य पूजा एक सफल जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति, मन की शक्ति, नेत्र शक्ति, तार्किक शक्ति आदि प्राप्त करने में मदद करती है।

ज्योतिष के अनुसार अशुभ सूर्य अलग-अलग घरों में अलग-अलग प्रकार के फल देगा, उदाहरण के लिए पहले घर में यह मन, इच्छा शक्ति, आत्मविश्वास, नाम, निर्णय लेने की क्षमता आदि को प्रभावित करेगा। दूसरे घर में यह कमाई के स्रोतों, आंखों, बोली आदि को प्रभावित करेगा, चौथे घर में रहने पर ये घर के सुख में कमी लायेगा आदि ।

सूर्य ग्रह शांति के उपाय/Surya Graha Anushthan/सूर्य की उपासना कैसे करें?

कुंडली के जिस भाव में अशुभ सूर्य बैठेगा उससे सम्बंधित विषयो को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा ऐसे में सूर्य शांति पूजा लाभदायक होती है |

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