संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ?Sankat Nashan Ganesh Stotra/स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
संकट नाशन गणेश स्तोत्र: भगवान गणेश की कृपा से आपके संकट दूर होंगे
संकट और परेशानियाँ हमारे जीवन का हिस्सा हैं, और कई बार हमें इनसे निपटने के लिए आत्मबल की आवश्यकता होती है। भगवान श्री गणेश एक ऐसे देवता हैं जिनकी आराधना से हमारे जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर हो सकते हैं।
इसलिए, हम आपके लिए लेकर आए हैं, “संकट नाशन गणेश स्तोत्र,” जिसके पाठ से आप अपने जीवन के सभी विकल्पित परिस्थितियों का समाधान पा सकते हैं।संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ?Sankat Nashan Ganesh Stotra/स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
गणेश चतुर्थी पर्व पर क्यों जरूरी है “संकट नाशन गणेश स्तोत्र” का पाठ?
गणेश चतुर्थी के पर्व पर हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं, और “संकट नाशन गणेश स्तोत्र” का पाठ करने से हम उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। इस स्तोत्र में गणेश भगवान के विभिन्न नामों का उल्लेख है जो उनकी शक्तियों को प्रकट करते हैं और हमें संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं।
गणेश चतुर्थी पर्व पर इस स्तोत्र का पाठ करने से हमारे जीवन में खुशियाँ, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति होती है।संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ?Sankat Nashan Ganesh Stotra/स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” का महत्व
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” को पढ़ने से हमारे जीवन में आने वाले विभिन्न प्रकार के संकट दूर हो सकते हैं। यह स्तोत्र भगवान गणेश की पूजा का हिस्सा होता है और इसका पाठ करने से हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
गणेश भगवान को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, और उनकी कृपा से हमारे जीवन के सभी प्रकार के विघ्न दूर हो सकते हैं।संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ?Sankat Nashan Ganesh Stotra/स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
स्तोत्र का पाठ कैसे करें
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” का पाठ करने के लिए आपको एक पवित्र और शांत माहौल में बैठकर करना चाहिए। आप इसे रोज़ाना सुबह या शाम के समय पढ़ सकते हैं।
इसका पाठ करने से पहले आपको अपने मन में संकल्प लेना चाहिए कि आप इस स्तोत्र के पाठ से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और आपके सभी संकट दूर हों।संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ?Sankat Nashan Ganesh Stotra/स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” के पाठ से आपके जीवन में ये लाभ हो सकते हैं:
1. संकटों का नाश
यह स्तोत्र आपके जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकटों को दूर कर सकता है, चाहे वो व्याकुलता से जुड़े हो या वित्तीय समस्याएँ। गणेश भगवान की कृपा से आपके मार्ग में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और आप जीवन में प्रगति कर सकते हैं।
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2. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति
भगवान गणेश बुद्धि और विद्या के प्रतीक होते हैं। उनकी कृपा से आप अध्ययन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और नई उच्चताओं तक पहुँच सकते हैं।
3. परिवार में खुशियाँ
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” के पाठ से परिवार में आपसी सदभाव और खुशियाँ बनी रहती हैं। गणेश भगवान की कृपा से परिवार के सभी सदस्य सुख-शांति में रहते हैं और आपके घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
निष्कर्ष
“संकट नाशन गणेश स्तोत्र” भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है जो हमें सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से हमारे जीवन में खुशियाँ, सफलता, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच –
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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