गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra
गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र का हिंदी में मतलब है – हे प्रभु, कृपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये। यह मंत्र सूर्य देवता के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है।गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

हे प्रभु! आप हमारे जीवन के दाता हैं
आप हमारे दुख़ और दर्द का निवारण करने वाले हैं
आप हमें सुख़ और शांति प्रदान करने वाले हैं
हे संसार के विधाता
हमें शक्ति दो कि हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त कर सकें
क्रिपा करके हमारी बुद्धि को सही रास्ता दिखायें

मंत्र के प्रत्येक शब्द की हिंदी व्याख्या:
गायत्री मंत्र के पहले नौं शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं
ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण्यं = सबसे उत्तम
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी, प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें

गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

गायत्री मंत्र को ‘वेदमाता’ के रूप में पुकारा जाता है और यह हिन्दू धर्म में एक प्रमुख मंत्र माना जाता है। यह मंत्र ऋग्वेद के मण्डल ३, सूक्त ६२ में प्रकट होता है। गायत्री मंत्र की विशेषता इसके महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व में है, जिसे निम्नलिखित कुछ प्रमुख आवश्यकताओं के साथ समझा जा सकता है:

विद्या का प्रतीक: गायत्री मंत्र में सद्गुणों की प्रतिष्ठा होती है और यह विद्या के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है।

ज्ञान की प्राप्ति: मंत्र में सूर्य देवता की पूजा की जाती है जिससे ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

आध्यात्मिक उन्नति: गायत्री मंत्र की जापने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और व्यक्ति का मानसिक स्थिति मजबूत होती है।

शुभ कार्यों की सिद्धि: इस मंत्र का नियमित जाप करने से शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और बुराईयों से बचाव होता है।

दीप्ति और ऊर्जा: गायत्री मंत्र के जाप से शरीर, मन, और आत्मा में दीप्ति और ऊर्जा का विकास होता है।

अंतर्ज्योति की प्रेरणा: मंत्र में प्राकृतिक और आत्मिक ज्योति की प्रेरणा होती है जो व्यक्ति को उद्देश्य की ओर आग्रहण करती है।

यह केवल एक संक्षिप्त व्याख्या है, गायत्री मंत्र की गहराईयों और विशिष्टताओं को समझने के लिए व्यक्तिगत अध्ययन और आध्यात्मिक गुरु की मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।गायत्री महा मंत्र अर्थ सहित/Gayatri Maha Mantra

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