कुंडली मिलान कराएं, Kundali Milaan
विवाह के लिए राशि अनुकूलता आपके कितने गुण मिलते हैं? संगतता राशि के माध्यम से कम से कम अंक अठारह (18) माना जाता है।

कुंडली मिलान या गुण मिलान वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडलियों का मिलान है | हिन्दू धर्म और खासकर हिंदुस्तान में विवाह बुजुर्गो और माता पिता के आशीर्वाद से संपन होते है , इसलिए विवाह के लिए कुंडली मिलान का काफी उच्च महत्व है और कुंडली मिलान के बाद ही विवाह निश्चित किये जाते है |
कुंडली मिलान के माध्यम से ये पता चलता है की किस स्तर तक ग्रह वर और वधु को आशीर्वाद दे रहे है और कौन से ज्योतिष परिहार करने से विवाह में खुशियां आ सकती है |
गुण मिलान की व्याख्या किस तरह करे ?
कुंडली मिलाते हुए गुण मिलान में नाड़ी कूट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है | अगर नाड़ी कूट प्रतिकूल है तो २८ गुणों का मिलान भी अशुभ माना जायेगा |
गुण मिलान में अधिकतम ३६ गुण होते है | अगर भकूट और नाड़ी कूट अनुकूल है तो ३१ से ३६ गुणों का संयोजन सर्वश्रेष्ट माना जायेगा , २१ से ३० गुण बहुत अच्छे , १७ से २० मध्यम और ०-१६ गुण अशुभ होंगे |
अगर भकूट कूट प्रतिकूल है तो संयोजन कभी भी अच्छा नहीं होगा | २६-२९ गुण काफी अच्छे , २१-२५ गुण मध्यम और ०-२० गुण अशुभ माने जाएंगे |
एक नाड़ी होने पर क्या होता है?
एक नाड़ी होने पर इसको नाड़ी दोष कहा जाता है। नाड़ी मिलान को कुंडली मिलान में सबसे अधिक 8 अंक दिए गए हैं। ज्योतिष के अनुसार, एक ही नाड़ी के लोगों को वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं हो सकती है। लेकिन नाड़ी दोष को रद्द किया जा सकता है।
कुंडली मिलान कैसे करें?
कुंडली मिलान का सर्वश्रेस्थ तरीका जन्म कुंडली द्वारा मिलान अर्थात जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर कुंडली मिलान तथा नाम से भी कुंडली मिलान किया जाता है। कुंडली मिलान कराएं, Kundali Milaan

कुंडली कैसे मैच करें?
कुंडली मिलान कैसे करें ? आप शादी से पहले किसी ज्योतिष की मदद से कुंडली मिलान करवा सकते हैं। इसके लिए आपको वर-वधु का नाम, उनकी जन्म की तिथि, जन्मस्थान और जन्म का समय ज्योतिष को बताना होगा। ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत आपकी जन्म से जुड़ी हुई जानकरी जैसे तिथि, समय और स्थान की मदद से कुंडली बनते हैं।
शादी के लिए कुंडली मिलान कैसे चेक करें?
वस्तुतः कुंडली में प्रस्तुत गुणों का मिलान किया जाता है, इसलिए इसे ‘गुण मिलान’ कहा जाता है। कुंडली में मिलान किए गए पहलुओं/गुणों की कुल संख्या 36 है । यदि 36 में से 18 संपत्तियों का विलय हो जाता है यानी कम से कम 50% संपत्तियों का विलय हो जाता है तो ज्योतिषियों द्वारा विवाह की अनुमति दी जाती है।
योनि का मेल नहीं होने पर क्या होता है?
विपरीत योनि: इसे विवाह के लिए अशुभ माना जाता है । शत्रु योनि: यह दर्शाता है कि यह रिश्ता वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है।
कुंडली से जीवनसाथी का नाम कैसे जाने?
ज्योतिष के सबसे आकर्षक पहलुओं में से एक व्यक्ति के भावी जीवनसाथी के नाम की भविष्यवाणी है। ज्योतिष में, इसे निर्धारित करने के लिए भावों का प्रभाव आवश्यक है। सबसे पहले, कुंडली का पंचम भाव किसी व्यक्ति के भावी जीवनसाथी के नाम का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण होता है। यह घर प्रेम संबंधों, रोमांस और विवाह से जुड़ा हुआ है। For bhajans – SUR SARITA BHAJAN
कुंडली में पत्नी का घर कौन सा होता है?
कुंडली (Kundli) से आपके दांपत्य जीवन का भी पता चलता है. कुंडली का सप्तम भाव जीवनसाथी का माना गया है.
कुंडली मिलान के लिए सम्पर्क करें :-
पं. श्रवण आचार्य (ज्योतिषाचार्य)
+91 9918486001
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