हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
हनुमान चालीसा:एक अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथ हनुमान चालीसा का सुंदर बचन जब भी सुना जाता है, तो व्यक्ति के मन और आत्मा में एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव होता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
इस चालीसा का पठन और सुनना हिन्दू धर्म के विश्वासी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अद्भुत कार्य है। इस लेख में, हम हनुमान चालीसा के महत्व को और इसके चमत्कारिक लाभों को जानेंगे जो हमारे जीवन में आत्मिक और आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा: अर्थ और महत्व
हनुमान चालीसा एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है जो पौराणिक कथाओं और भगवान हनुमान के गुणों की महिमा का वर्णन करता है। इस चालीसा का पठन करने से व्यक्ति अपने जीवन में आध्यात्मिक सफलता, सुख, और शांति प्राप्त कर सकता है।
हनुमान चालीसा के महत्वपूर्ण अंश:
1. आध्यात्मिक उन्नति
हनुमान चालीसा का पठन करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसमें वर्णित भगवान हनुमान के गुण और शक्तियों का स्मरण करने से व्यक्ति के मानसिक स्थिति में सुधार होता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
2. संकटमोचन
हनुमान चालीसा के पाठ से भक्त के जीवन से समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। हनुमान जी को ‘संकटमोचन’ के रूप में जाना जाता है, जो दुखों और मुश्किलों को दूर करने वाले हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
3. रोग निवारण
हनुमान चालीसा के पाठ से शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार किया जा सकता है। भक्त इसे नियमित रूप से पढ़कर अपने शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
4. शांति और सुख
हनुमान चालीसा के पठन से व्यक्ति की आत्मा में शांति और सुख का अनुभव होता है। यह छोटी बड़ी मुश्किलों का समाधान करता है और जीवन को सुखमय बनाता है।
हनुमान चालीसा के बचन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ
हनुमान चालीसा के बचन का महत्वपूर्ण भाग यह है कि यह एक प्राचीन संस्कृत पाठ है जिसमें भगवान हनुमान की प्रशंसा और महिमा की गाथाएँ हैं। इस पाठ को हिन्दू धर्म के अनुष्ठान के रूप में मान्यता दी जाती है और इसे दिनचर्या में शामिल किया जाता है।
हनुमान चालीसा के बचन की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ:
1. ४० चौपाई का संग्रह
हनुमान चालीसा में 40 चौपाई होते हैं, जो एक संग्रह के रूप में उपस्थित होते हैं। यह छोटे और मध्यम गरीबी के साथ व्यक्ति के लिए आसानी से पढने के लिए होते हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
2. भक्ति और श्रद्धा का एक माध्यम
हनुमान चालीसा का पठन एक व्यक्ति की भक्ति और श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण माध्यम होता है। यह भक्त भगवान हनुमान के प्रति अपनी गहरी भक्ति को व्यक्त करने का साध्य करता है।
3. सुख-शांति का स्रोत
हनुमान चालीसा के पठन से मानव जीवन में सुख और शांति की खोज की जा सकती है। यह बचन मन की चिंताओं से राहत दिलाता है और जीवन को खुशहाली से भर देता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
हनुमान चालीसा के अन्य लाभ
हनुमान चालीसा के पठन के अलावा, इसके कई अन्य लाभ भी हैं:
1. विधि और तरीके
हनुमान चालीसा को अध्यात्मिक साधना के रूप में पढ़ने के लिए विशेष विधियाँ और तरीके हैं। इन्हें पालन करके भक्त अध्यात्मिक साधना में पूरी तरह से रूचाना पा सकते हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
2. संग्रहण क्षमता
हनुमान चालीसा का पठन संग्रहण क्षमता को बढ़ावा देता है। यह व्यक्ति को बेहतर मनसिक तत्त्वों को संग्रहण करने में मदद करता है और सुखमय जीवन जीने के लिए मदद करता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
3. सफलता की दिशा में मदद
हनुमान चालीसा के पठन से व्यक्ति की कार्यशैली और सफलता की दिशा में मदद मिलती है। यह भक्त को अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होता है।
।। अथ श्री हनुमान चालीसा ।।
॥ दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥
॥ हनुमान चालीसा चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
महावीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥
शंकर सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जग वंदन ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
विकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥
लाये सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लिल्यो ताहि मधुर फल जानु॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुवारे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डरना ॥
आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
महावीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तै हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंत काल रघुवर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥
और देवता चित्त ना धरई ।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥
॥ दोहा ॥
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
रामलखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
तुलसीदास इस दोहे के माध्यम से कहतें हैं की हे रघुवर, हे प्रभु श्री राम, मैं आपके दोषरहित यश का वर्णन करना चाहता हूँ, जो चारों फलों अर्थात धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्रदान करने वाला है।
और आपके इस स्वरुप का वर्णन करने हेतु मैं अपने इस मन के दर्पण को, अपने गुरु के चरण-कमलों के धूल से साफ़ करना चाहता हूँ।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥
श्री राम के चरित्र को साधारण बुद्धि से नहीं समझा जा सकता है अतः इस दोहे में संत तुलसीदास ये कहते हैं कि, हे पवन कुमार, हे श्री हनुमान, मैं अपने को बुद्धि विहीन जान कर आपको स्मरण कर रहा हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि आप मुझे दिव्य बल, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करें तथा मेरे सारे कष्टों और विकारों को हर लें।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥1॥
हे श्री हनुमान, आप ज्ञान और गुण के सागर हैं, आप कपीश हैं अर्थात वानरों में सर्वश्रेष्ट हैं तथा आप तीनों लोकों में विद्यमान हैं, हे श्री हनुमान आपकी जय हो।
रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥2॥
हे राम के दूत श्री हनुमान आप अतुलनीय आत्मिक, मानसिक और शारीरिक बल को धारण करने वाले हैं। आप माता अंजनी के पुत्र हैं तथा पवनपुत्र के नाम से भी जाने जातें हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
महावीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥3॥
इन्द्रियों को अपने वाश में करने वाले हे महावीर आप विशेष पराक्रम के स्वामी हैं तथा आपका शरीर वज्र के समान सशक्त है। आप नकारात्मक बुद्धि का नाश कर सकारात्मकता प्रदान करने वालें हैं।
कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥4॥
आप स्वर्ण के समान सुन्दर वर्ण तथा स्वच्छ और सुन्दर वेश धारण करने वालें हैं, आपके केश घुंघराले हैं तथा कुण्डल आपके कर्णों कि शोभा बढ़ा रहें हैं।
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥5॥
हे श्री हनुमान, आपके हाथों में वज्र तथा श्री राम कि ध्वजा विराजमान है और आपके कंधे पे मूंज कि जनेऊ आपकी शोभा बढ़ा रही है।
शंकर सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जग वंदन ॥6॥
भगवान् शिव के अंश, केसरीपुत्र हे श्री हनुमान आपका तेज़ और प्रताप समस्त जगत में वंदनीय है।
विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥7॥
आप सभी विद्याओं के ज्ञाता हैं, गुणों से युक्त हैं तथा सभी कार्यों को अति चतुरता से सम्पन्न कर लेने वालें हैं। हे श्री हनुमान, आप सदैव प्रभु श्री राम के दिए गए कार्यों को करने को आतुर रहतें हैं।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥8॥
हे हनुमान, आप प्रभु श्री राम के चरित्र के श्रवण में अत्यधिक रस रखतें हैं तथा आपने अपने हृदय में श्री राम, श्री लक्ष्मण और माता सीता जैसी दिव्य आत्माओं को बसाये हुए हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
विकट रूप धरि लंक जरावा ॥9॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥10॥
आपने अति सूक्ष्म रूप धारण कर माता सीता से संवाद स्थापित किया, वहीं विकराल रूप धारण कर लंका जला डाला, आप विशाल रूप धारण कर असुरों का संहार करते हैं और इस तरह आप अपने प्रभु श्री रामचंद्र के कार्यों को संपादन करते हैं।
लाये सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥11॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥12॥
लक्ष्मणजी के मूर्छित होने पे आपने ही संजीवनी बूटी ला कर उनके प्राणो कि रक्षा कि थी जिससे प्रभु श्री राम अति प्रसन्न हो के आपको अपने ह्रदय से लगा लिया था। हे हनुमान तुम मेरे अत्यंत प्रिय भरत के समान भ्राता हो, ऐसा कहते हुए प्रभु श्री राम आपकी भूरी-भूरी प्रशंसा करतें हैं।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥13॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥14॥
स्वयं भगवन शेषनाग जो सहस्त्र मुख वालें हैं तुम्हारे यश का गुणगान करेंगें ऐसा वरदान देते हुए प्रभु श्री राम ने आप श्री हनुमान को अपने ह्रदय से लगाया।
श्री सनक, श्री सनन्दन, श्री सनातन, और श्री सनत्कुमार अदि ऋषि , समस्त मुनि गण, ब्रह्माजी, माता शारदा और भगवान् शेषनाग आप श्री हनुमान का गुणगान करतें हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते ॥15॥
मृत्यु के देवता यम, धन और सम्पदा के देवता श्री कुबेर, सभी दिशाओं के रक्षक दिक्पाल आदि भी आप श्री हनुमान का गुणगान करने में असमर्थ हैं तो ऐसे में कवि, विद्वान और बुद्धिवान कैसे आपकी सम्पूर्णता का गुणगान कर सकने में समर्थ हो सकतें हैं।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥16॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥17॥
आपने श्री राम से मिला कर सुग्रीव पर बहुत बड़ा उपकार किया जिससे सुग्रीव को राज-पाठ कि प्राप्ति हुई।
आपके ही मंत्रणा को मान कर विभीषण लंका का राजा हुए ये समस्त संसार जानता है।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लिल्यो ताहि मधुर फल जानु॥18॥
इस दोहे के द्वारा संत तुलसीदास कहतें हैं कि हे श्री हनुमान आपके लिए पृथ्वी से सहस्त्र युगों योजन पे स्थित सूर्य कि दुरी मापना इतना आसान है जितना कि आपके लिए किसी वृक्ष से मीठे फल को तोड़ के खा लेना है।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥19॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥20॥
आपने प्रभु श्री राम के द्वारा दी गयी अंगूठी अपने मुख में रख कर विशाल समुंद्र को पार लिया, आपके इस कार्य पे भी आश्चर्य नहीं होता।
आपकी अति सुगमता से मिलने वाली कृपा से संसार के दुर्गम से दुर्गम प्रतीत होने वाले कार्य भी सरलता से सम्पन्न हो जातें हैं।
राम दुवारे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
संत तुलसीदास इस दोहे के माध्यम से ये बता रहें हैं कि, आप श्री राम के द्वार के रक्षक हो अर्थात श्री हनुमान के गुणों (त्याग, भक्ति और समर्पण) को आत्मसात किये बिना कोई भी प्रभु श्री राम का सानिद्ध्य नहीं प् सकता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥23॥
जो भी व्यक्ति आपकी शरण में आता है उसे सभी प्रकार के सुख प्राप्त हो जाते हैं, हे श्री हनुमान जिसके स्वयं आप रक्षक हो जाएँ उसे किसी से भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं।
हे श्री हनुमान, स्वयं आपके अतिरिक्त आपके तेज़ को कोई संभल नहीं सकता तथा आपने एक हुंकार मात्र से तीनों लोक कांप जाता है।
भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
महावीर जब नाम सुनावै ॥24॥
आप बल के प्रतिक हैं तथा समस्त भय का नाश करने वाले हैं अतः जहाँ कहीं भी आपके नाम का जाप होता है वहां भूत या पिचास का भी भय कभी निकट नहीं आ सकता।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
संकट तै हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ॥26॥
हे भगवान् श्री हनुमान, आपके निरंतर जाप से सभी प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं तथा आप उनकी पीड़ा को हरण कर लेते हैं। जो भी अपने संपूर्ण मन, वचन और कर्म से आपका ध्यान करता है उसे श्री हनुमान सभी प्रकार के संकटों से मुक्त कर देतें हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥27॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥28॥
समस्त राजाओं में सबसे बड़े तपस्वी भगवान् श्री राम हैं और हे श्री हनुमान आप उनके सभी कार्यों को बड़ी ही सहजता करतें हैं। आपके सम्मुख जो कोई भी अपनी मनोकामना लेकर आता है आप उसे जीवन भर न मिटने वाला फल प्रदान करतें हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥29॥
साधु संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥30॥
आपके प्रताप का यश चारों युगों अर्ताथ सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग में व्याप्त है अर्थात आप अविनाशी हैं, हे श्री हनुमान, संपूर्ण जगत में आपकी ख्याति प्रकाशमान है।
साधु और संत जनों को रक्षा प्रदान करने वाले हे पवनसुत हनुमान आप असुर शक्तियों का नाश करने वाले तथा प्रभु श्री राम के अत्यंत प्रिय हैं।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥31॥
राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥32॥
आप माता सीता के दिए गए वरदान फलस्वरूप, किसी को भी आठों सिद्धियां और नवों निधियों को प्रदान करने वाले हे श्री हनुमान आपके पास प्रभु श्री राम कि भक्ति रुपी रस का भंडार है जिससे आप निरंतर प्रभु श्री राम की सेवा में रत हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥33॥
अंत काल रघुवर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥34॥
आपको भजने मात्र से ही प्रभु श्री राम रूपी परमात्मा को पाया जा सकता है, तथा आपका स्मरण जन्मो-जन्मो के दुखों का नाश करने वाला है।
हे केसरीनन्दन, आपके शरण में आकर ही मृत्युपर्यन्त रघुपति के धाम जाया जा सकता है जहाँ केवल हरी-भक्तों का ही प्रवेश हो सकता है।
और देवता चित्त ना धरई ।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई ॥35॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥36॥
जब श्री हनुमान की भक्ति मात्र से ही जगत के सारे सुखों की प्राप्ति हो जाती है तो किसी और देवी-देवताओं मई ध्यान लगाने की क्या आवश्यकता है।
जो आप महावीर हनुमान का स्मरण करता है उसके जीवन के सारे संकट और पीड़ा सदा सदा के लिए समाप्त हो जाते हैं।
जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥37॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥38॥
अपने इन्द्रियों के स्वामी, हे पवन कुमार हनुमान आपकी तीनों रूप में जय हो, जय हो, जय हो। आप मुझ पर एक गुरुदेव के समान कृपा करें तथा हमें सन्मार्ग पे अग्रसर करें।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
जो भी व्यक्ति आपके इस चरित्र का सौ बार अर्थात नियमित रूप से भावपूर्णता के साथ पाठ करेगा उसे आपमें निहित शक्तियों के द्वारा सारे बंधनो से मुक्ति मिल जाएगी और वह महासुख का भागी बनेगा।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥39॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥40॥
तुलसीदास जी इस पंक्ति में कहतें हैं की जो भी इस हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके सारे कार्य सिद्ध होते हैं और स्वयं भगवान् शिव इस बात के साक्षी हैं।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
आगे संत तुलसीदास जी प्रार्थना करतें हैं कि हे प्रभु श्री राम मैं आपका सदा के लिए सेवक बना रहूँ, और आप मेरे ह्रदय में निवास करें।
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
रामलखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥
हे पवनपुत्र श्री हनुमान आप सभी संकट को हरने वाले हैं, आप कल्याणकारी तथा मंगलदायी हैं, हे महावीर आप प्रभु श्री राम, श्री लक्ष्मण, और माता सीता सहित मेरे ह्रदय मई निवास कीजिये।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
॥ हनुमान चालीसा अर्थ सहित समाप्त ॥
समापन
हनुमान चालीसा एक अद्भुत धार्मिक ग्रंथ है जो आध्यात्मिक और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मदद करता है। इसका पठन भक्ति, श्रद्धा, और आंतरिक शांति की ओर एक कदम बढ़ाता है।हनुमान चालीसा चौपाई अर्थ सहित हिंदी में-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi
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जय श्री राम Jay shree sitaram
Very Nice
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